Khalistan: अमृतपाल पर पंजाब से ब्रिटेन तक बवाल, UK में खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय हाई कमीशन में की तोड़फोड़, उतारा तिरंगा

Indian High Commission in UK: ब्रिटेन में एक शर्मनाक मामला सामने आया है. खालिस्तानी समर्थकों ने रविवार को ब्रिटेन स्थित भारतीय हाई कमीशन में तोड़फोड़ की और जमकर नारे लगाए. खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय हाई कमीशन की इमारत पर लगे तिरंगे का भी अपमान किया. इन लोगों के हाथ में खालिस्तानी समर्थक और कट्टरवादी उपदेशक अमृतपाल सिंह के पोस्टर थे.

मोदी सरकार ने जारी किया समन

इस घटना के बाद मोदी सरकार ने भारत में ब्रिटेन के सबसे वरिष्ठ राजनयिक को समन भेजा है. यह जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दी है. भारत में ब्रिटेन के हाई कमिश्नर एलेक्स एलिस ने इस घटना को भारतीय हाई कमीशन और भारतीयों के लिए शर्मनाक बताते हुए निंदा की है. उन्होंने कहा कि यह किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं है. इस घटना का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि एक शख्स भारतीय हाई कमीशन की बिल्डिंग पर चढ़कर तिरंगा उतार रहा है. वीडियो में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे तक सुनाई दे रहे हैं. खालिस्तानी समर्थकों के इस समूह ने मोदी सरकार पर भी जमकर हमला बोला.

अमृतपाल को लेकर हुआ बवाल

भारतीय हाई कमीशन में तोड़फोड़ और तिरंगे के अपमान के बाद मोदी सरकार भी हरकत में आ गई और विदेश मंत्रालय ने दिल्ली में ब्रिटेन के राजनयिक को समन जारी किया. भारत ने ब्रिटेन से पूरे मामले में स्पष्टीकरण मांगा है कि कैसे ब्रिटिश सुरक्षाकर्मियों की अनुपस्थिति के कारण ये अलगाववादी तत्व भारतीय उच्चायोग के परिसर में दाखिल हुए? इस दौरान ब्रिटिश राजनयिक को वियना संधि के तहत यूके सरकार की मूलभूत दायित्वों के बारे में भी बताया गया. भारत ने यूके सरकार से उम्मीद की है कि इस मामले में जो भी लोग शामिल थे, उन्हें जल्द से जल्द पहचान कर गिरफ़्तार किया जाए और उन्हें सजा दिलाई जाए. भारत ने कहा कि आगे इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं.

खालिस्तानी समर्थकों ने यह हरकत ऐसे समय पर की है, जब पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को भगोड़ा घोषित कर दिया है. उसके और सहयोगियों के खिलाफ अवैध हथियार रखने के मामले में नई एफआईआर भी दर्ज की गई है. एक्टर और एक्टिविस्ट दीप सिंधु ने वारिस पंजाब दे नाम के समूह का गठन किया था. पिछले साल फरवरी में उनकी सड़क हादसे में मौत हो गई. इसके बाद अमृतपाल इस ग्रुप का लीडर बन गया. 

यह पहली बार नहीं है जब यूके में भारतीय हाई कमीशन पर तोड़फोड़ हुई है. साल 2019 में पाकिस्तान समर्थकों ने हाई कमीशन की खिड़की का शीशा तोड़ दिया था. गौरतलब है कि भारत सरकार पहले भी ब्रिटिश सरकार के खालिस्तान समर्थक समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करती रही है. ऐसे हादसे न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन हैं बल्कि राजनयिकों की सुरक्षा के लिए भी खतरा हैं.


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