SCSS या Senior Citizen FD: न‍िवेश के ल‍िए क्‍या है बेहतर व‍िकल्‍प, यहां जान‍िए ड‍िटेल

Senior Citizen Fixed Deposit: हर क‍िसी की चाहत सुरक्ष‍ित न‍िवेश की होती है. सीन‍ियर स‍िटीजन के ल‍िए निवेश के तमाम विकल्प मौजूद हैं. इन न‍िवेश व‍िकल्‍पों के आधार पर वर‍िष्‍ठ नागर‍िक र‍िटायरमेंट के बाद अपने फाइनेंश‍ियल टारगेट को आसानी से पूरा कर सकते हैं. अगर आपके घर में कोई सीन‍ियर स‍िटीजन हैं या आपकी खुद उम्र 60 साल से ज्‍यादा है तो आप सीन‍ियर स‍िटीजन सेव‍िंग स्‍कीम (SCSS) और सीन‍ियर स‍िटीजन फ‍िक्‍स ड‍िपॉज‍िट को न‍िवेश के ल‍िए चुन सकते हैं.

एससीएसएस र‍िटायरमेंट लाभ योजना

एससीएसएस (SCSS) एक र‍िटायरमेंट लाभ योजना है, जो 60 साल से ज्‍यादा की उम्र वाले व्यक्तियों को अच्छा रिटर्न पाने के लिए एकमुश्त राशि निवेश करने में मदद करती है. सीन‍ियर स‍िटीजन एफडी बेहतर ब्‍याज दर के साथ म‍िलने वाली एफडी स्‍कीम है. एससीएसएस (SCSS) और एफडी दोनों में लॉक-इन पीर‍ियड एक जैसा ही होता है. लेकिन इन दोनों के बीच कुछ अंतर है, ज‍िससे इनका फायदा भी अलग-अलग है. न‍िवेश के ल‍िए इन दोनों में से कौन सी योजना बेहतर होगी, आइए जानते हैं-

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वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की विशेषताएं
– यह एक सरकार समर्थित निवेश योजना है, इसलिए एससीएसएस (SCSS) को स‍िक्‍योर एंड सेफ निवेश योजना माना जा सकता है.
– सब्सक्राइबर्स को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्‍स र‍िबेट भी म‍िलती है.
– इस योजना का पांच साल का मैच्‍योर‍िटी पीर‍ियड होता है. लेकिन आप इसे अगले तीन साल के लिए बढ़ा सकते हैं.
– एससीएसएस अकाउंट खोलना काफी आसान है. आप देशभर में किसी भी बैंक या डाकघर में जाकर अकाउंट ओपन करा सकते हैं. इतना ही सब्सक्राइबर्स अपने एससीएसएस अकाउंट को देशभर की क‍िसी भी ब्रांच में ट्रांसफर कर सकते हैं.
– योजना के तहत न्यूनतम जमा राशि 1,000 रुपये है. इसके बाद आप राश‍ि को 1,000 रुपये के मल्‍टीपल में बढ़ा सकते हैं. एक फाइनेंश‍ियल ईयर में ज्‍यादा से ज्‍यादा 30 लाख रुपये तक का न‍िवेश क‍िया जा सकता है.

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सीन‍ियर स‍िटीजन एफडी स्‍कीम
– नॉर्मल एफडी की तुलना में बैंकों की तरफ से सीन‍ियर स‍िटीजन को स्‍पेशल ब्याज द‍िया जाता है. आमतौर पर बुजुर्ग ग्राहकों को बैंक 0.5 प्रत‍िशत अतिरिक्त ब्याज दिया जाता है.
– निवेशक ब्याज राशि पाने के ल‍िए अलग-अलग विकल्प स‍िलेक्‍ट कर सकते हैं. इन व‍िकल्‍पों में मंथली, क्‍वार्टली, हॉफ-ईयरली या एनुअल सभी तरक के व‍िकल्‍प होते हैं. हर महीने ब्‍याज लेकर आप अपनी मंथली इनकम बढ़ा सकते हैं.
– कुछ एफडी पर टैक्‍स बेन‍िफ‍िट भी म‍िलता है. इनका मैच्‍योर‍िटी टाइम पांच साल या इससे ज्‍यादा होता है.

दोनों के बीच अंतर
– सीन‍ियर स‍िटीजन सेव‍िंग स्‍कीम पर 8.2 प्रतिशत सालाना की ब्‍याज दर ऑफर की जा रही है और यह सेक्‍शन 80सी के तहत कवर होती है. इसके अलावा एफडी में यद‍ि आप पांच साल से कम के ल‍िए न‍िवेश करते हैं तो आपको क‍िसी तरह का टैक्‍स बेन‍िफ‍िट नहीं म‍िलता.
– इन दोनों के बीच दूसरा अंतर यह है क‍ि एससीएसएस के तहत अधिकतम निवेश की सीमा होती है. जबक‍ि एफडी में ऐसी कोई ल‍िम‍िट नहीं होती. एफडी इसके अलावा कई ऑप्‍शन के साथ आती है.
– आपको इन दोनों में से कौन सा निवेश विकल्प चुनना है इसका फैसला आख‍िर में निवेशक के वित्तीय लक्ष्यों और उसके पास पैसे की उपलब्‍धता पर निर्भर करता है.


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