भारत में स्पिन की मददगार पिचों पर जब भी कोई टेस्ट मैच जल्दी खत्म हो जाता है तो मेहमान टीम के खिलाड़ी और उनके पूर्व क्रिकेटर्स खराब पिच का रोना रोने लगते हैं. केपटाउन में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच दूसरा टेस्ट मैच केवल 107 ओवर (642 गेंद) में खत्म हो गया जिसने एक नई बहस को जन्म दे दिया है. ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका जैसी टीमें अपने घरेलू हालात का फायदा उठाने और मेहमान टीम पर शिकंजा कसने के लिए अपने अनुसार पिच तैयार करवाती हैं. ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका में तेज गेंदबाजों का बोलबाला रहता है, जहां ये टीमें अक्सर तेज और उछाल वाली पिचों को बनवाती हैं.
केपटाउन में जो हुआ उसने कर दिया आलोचकों का मुंह बंद
वहीं, दूसरी तरफ अगर भारत की बात करें तो यहां स्पिन गेंदबाजों को मदद मिलती है. ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका आदि टीमों के खिलाड़ियों को भारत की टर्निंग पिचों पर मुश्किल चुनौती का सामना करना पड़ा है. जब भी भारत में किसी पिच पर पहले दिन से ही टर्न और स्पिन देखने को मिलता है तो ये मेहमान टीम के खिलाड़ियों और उनके पूर्व क्रिकेटर्स को पसंद नहीं आता. आईसीसी और मैच रेफरी द्वारा भारत की पिचों को खराब रेटिंग दे दी जाती है. तब भारत की पिचों को लेकर सवाल उठाए जाते हैं कि ये खेलने लायक नहीं हैं, लेकिन केपटाउन में जो हुआ उसने इन आलोचकों का मुंह बंद करने का काम किया है.
भारत की पिचों से क्या है दिक्कत?
अभी हाल ही का एक उदहारण ले लेते हैं. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम की उस पिच को औसत करार दिया था जिस पर 19 नवंबर को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल खेला गया था. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के मुताबिक जिस पिच पर फाइनल खेला गया वह काफी धीमी थी. भारत लीग चरण में दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्रमशः कोलकाता, लखनऊ, अहमदाबाद और चेन्नई की जिन पिचों पर खेला था, आईसीसी ने उन्हें भी औसत करार दिया. आईसीसी ने कोलकाता के ईडन गार्डंस की उस पिच को भी औसत करार दिया है, जिस पर ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच दूसरा सेमीफाइनल खेला गया था. अब जब केपटाउन में भारत और साउथ अफ्रीका का टेस्ट मैच डेढ़ दिन में खत्म हो गया तो ये देखने लायक होगा कि ICC क्या फैसला लेती है.
केपटाउन की पिच को लेकर बवाल
केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका ने अपनी पहली पारी में 24 ओवर में 55 रन बनाए और दूसरी पारी में 37 ओवर में 176 रन बनाए. भारत ने 35 ओवर में 153 रन बनाए और फिर 12 ओवर में 80 रन बनाए. फेंके गए ओवरों के मामले में यह अब तक का सबसे छोटा टेस्ट मैच रहा जिसमें कुल 106.2 ओवर डाले गए. इससे पहले 1932 में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच एमसीजी में हुआ टेस्ट सबसे छोटा मैच था जिसमें 109.2 ओवर फेंके गए थे. इसमें ऑस्ट्रेलिया जीता था. दिलचस्प बात है कि दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी इस मैच की तरह ही तब 23.2 ओवर तक ही चली थी. न्यूलैंड्स स्टेडियम की पिच को अगर आईसीसी मैच रैफरी क्रिस ब्रॉड ‘औसत से नीचे’ की रेटिंग नहीं देते हैं तो यह हैरानी की बात होगी.
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