चुनाव जिताऊ योजनाओं पर फिर लगाया सरकार ने दांव

प्रशासनिक संवाददाता ॥ भोपाल
सोशल सेक्टर की अपनी लोकप्रिय योजनाओं के कारण पिछले डेढ़ दशक से प्रदेश की सत्ता पर काबिज पर राज्य की शिवराज सरकार एक बार अपनी इन्हीं लोकप्रिय योजनाओं पर दांव लगाकर चौथी बार मैदान मारने की तैयारी में है। इन योजनाओं ने पिछले तीन चुनावों में सरकार को झोली भरकर वोट दिलाए हैं। इसलिए इन पुरानी योजनाओं को भी सरकार करीब-करीब हर बजट में नए तरीके से पेश करके इन्हें ओर आकर्षक बनाने का प्रयास करती रही है।
इस बार के बजट में भी इन योजनाओं का खास ध्यान रखा गया है। न केवल बजट बढ़ाया गया है, बल्कि विभाग इनका लाभ लेने की प्रक्रियाओं को आसान बनाने पर मंथन कर रहे हैं और इनमें नए फीचर भी जोडऩे की कवायद में जुटे हैं। सोशल सेक्टर की केवल सामाजिक न्याय विभाग की योजनाओं पर ही इस साल सरकार 136 2 करोड़ रूपए खर्च करेगी। जबकि दूसरे विभागों की ऐसी योजनाओं के लिए बजट का आकार बढ़ाया गया है। कोलारस और मुंगावली के उप चुनाव में मिली हार के बावजूद सरकार यह मानने का तैयार नहीं है कि प्रदेश में एंटी इनकमबेंसी जैसी स्थिति है। इसके पीछे सरकार अपनी योजनाओं को वजह मानती है, जिनसे बड़ी संख्या में प्रदेश के लोगों को लाभ मिला है। सोशल सेक्टर की अपनी इन्हीं योजनाओं के कारण सरकार बार-बार विभिन्न आयोजनों के माध्यम से जनता के बीच पहुंच रही है। लाडली लक्ष्मी और तीर्थ दर्शन जैसी योजनाओं के दम पर सरकार को उम्मीद है कि यदि सरकार के प्रति लोगों में कोईनाराजगी है भी तो इन योजनाओं के द्वारा उसे दूर किया जा सकता है। इसलिए बजट में इस तरह की सभी योजनाओं के बजट में वृद्धि की गई है। सरकार के सूत्रों के मुताबिक एक अप्रैल के बाद सरकार इन योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन करेगी। उसकी कोशिश होगी कि आवंटित का 70 से 80 प्रतिशत हिस्सा अक्टूबर के पहले ही खर्च हो जाए। बजट बनाने के लिए वित्त विभाग के साथ हुईविभागों की चर्चाके दौरान इस तय हो चुका हैकि नए वित्तीय वर्षके लिए आवंटित बजट को बेहतर तरीके से खर्च करने का प्लान सभी विभाग तैयार रखेंगे। वित्त विभाग ने इस बार विभागों के साथ हुईचर्चा में बजट आवंटन को लेकर सवाल-जवाब के साथ-साथ इनके क्रियान्वयन की रणनीति पर भी चर्चा की थी।
सोशल सेक्टर की प्रमुख योजनाएं और प्रस्तावित बजट
ठ्ठ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए 577 करोड़।
ठ्ठ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना के लिए 419 करोड़।
ठ्ठ मुख्यमंत्री कन्या विवाह सहायता योजना के लिए 150 करोड़।
ठ्ठ राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के लिये 80 करोड़।
ठ्ठ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन योजना के लिए 76 करोड़।
ठ्ठ जनश्री बीमा योजना के लिए 35 करोड़।
ठ्ठ कन्या अभिभावक पेंशन योजना के लिए 25 करोड़।
अन्य विभागों की सोशल सेक्टर की प्रमुख योजनाएं और उनका बजट
ठ्ठ प्रधानमंत्री आवास योजना के लिये 6,6 00 करोड़।
ठ्ठ लाडली लक्ष्मी योजना के लिये 909 करोड़।
ठ्ठ मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम योजना के लिये 1,100 करोड़।
ठ्ठ राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन योजना के लिये 633 करोड़।
ठ्ठ हाउसिंग फॉर ऑल योजना के लिए 1,700 करोड़।
ठ्ठ राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के लिए 105 करोड़।
ठ्ठ प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लेपटॉप योजना के लिए 62 करोड़।
ठ्ठ गांव की बेटी योजना के लिए 38 करोड़।
ठ्ठ मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के लिए 170 करोड़।
ठ्ठ मुख्यमंत्री कौशल्या योजना के लिए 60 करोड़।
ठ्ठ तीर्थ यात्रा योजना के लिए 200 करोड़।
ये हैं सरकार की फ्लेगशिप योजनाएं
ठ्ठ कौशल्या योजना
ठ्ठ मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना
ठ्ठ मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना
ठ्ठ मुख्यमंत्री युवा इंजीनियर-कान्ट्रेक्टर योजना
ठ्ठ मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना
ठ्ठ नि:शुल्क पैथालॉजी जांच योजना
ठ्ठ अटल ज्योति अभियान
ठ्ठ सरदार वल्लभ भाई पटेल नि:शुल्क औषधि वितरण योजना
ठ्ठ मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना
ठ्ठ मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना
ठ्ठ मुख्यमंत्री ग्राम स?क योजना
ठ्ठ मुख्यमंत्री पेयजल योजना
ठ्ठ मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना
ठ्ठ मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
ठ्ठ मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग स्व-रोजगार योजना
ठ्ठ विक्रमादित्य नि:शुल्क शिक्षा योजना
ठ्ठ खेत तालाब योजना
ठ्ठ मुख्यमंत्री आवास योजना


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