Russia Ukraine War: यूक्रेन को अमेरिका-यूरोप से मिल रहे ऐसे ‘ब्रह्मास्त्र’, एक का नाम सुनकर सहम गए रूसी जनरल

US Weapons Sent To Ukraine: रूस से युद्ध के बीच (Russia-Ukraine War) नाटो देशों में यूक्रेन को हथियारों से पाटने की होड़ मची है. यूक्रेन को सबसे ज्यादा और घातक हथियार देने के मामले में अमेरिका सबसे ऊपर है. उसके बाद यूक्रेन को हथियार सप्लाई करने वाले देशों की सूची में ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, पोलैंड और कनाडा का नाम शामिल है.

अमेरिका-यूरोप से मिली यूक्रेन को संजीवनी

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक बाइडेन प्रशासन ने अपने हालिया फैसले में यूक्रेन को हथियारों से सराबोर करने का ऐलान कर दिया है. अमेरिकी रक्षा पैकेज में यूक्रेन के लिए आर्मर्ड व्हीकल, रॉकेट सिस्टम, हॉवित्जर तोप, मिसाइलें और अन्य दूसरे उपकरण शामिल हैं.

इन हथियारों से रूस को मिलेगी टक्कर

यूक्रेन की युद्ध भूमि में पहुंच रहे अमेरिका के सबसे घातक अस्त्रों की बात करें तो पहले नंबर पर है – ब्रैडली फाइटिंग व्हीकल. ये एक ऐसा आर्मर्ड फाइटिंग व्हीकल है, जिसके टॉप पर 25 मिलीमीटर की एक गन लगी होती है. इसे तीन लोगों का क्रू चलाता है, जो हैवी फायरिंग वाले इलाके में सात सैनिकों को लेकर जा सकता है. अमेरिका ने ऐसी 109 गाड़ियों को यूक्रेन भेजने का ऐलान किया है.

इस हथियार से कांपते है रूस के जनरल

इसके साथ ही अमेरिका ने अपने M142 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम यूक्रेन को देने का ऐलान किया है. ये हथियार पहले से ही यूक्रेन सेना चला रही है. वेस्टर्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हथियार ने 2022 में भी रूसी सैनिकों को बुरी तरह से खत्म किया है.

रूसी सेना पहले से ही इस रॉकेट सिस्टम से घबराई हुई है. ये सटीक निशाना लगाने में अचूक रॉकेट लॉन्चर है. अमेरिका ने ऐसे 38 नए सिस्टम को यूक्रेन भेजने का फैसला किया है.

इन हथियारों से आगे बढ़ेगा यूक्रेन

माइन-रेसिस्टेंट एम्बुश प्रोटेक्टेड व्हीकल्स भी यूक्रेन की सेना को अजेय बना देंगे. ये IED विस्फोटों के प्रभाव को कम करने के लिए बनाया गया एक खास वाहन है. जिसे वी आकार में बनाया गया है, जिससे विस्फोट का प्रभाव कम हो जाता है. अमेरिका ऐसे 200 गाड़ियों को यूक्रेन भेजेगा. वहीं इसके साथ ही अमेरिका ने अपने बेड़े में शामिल M113 आर्मर्ड पर्सनल कैरियर को भी यूक्रेन की जंग में खपाने का ऐलान कर दिया है. ये M113 बख़्तरबंद वाहन टैंकों की तरह ट्रैक पर चलता है. इसे कई तरह के हथियारों से लैस किया जा सकता है. अमेरिका ने ऐसे 300 वाहनों को यूक्रेन भेजने का वादा किया है.

जर्मनी ने किया लेपर्ड-2 देने का ऐलान

जर्मनी भी यूक्रेन को लेपर्ड-2 टैंक देने की इच्छा जाहिर कर चुका है. 1970 में अमेरिका में बने M48 पैटन को हराने के लिए बनाया गया ये टैंक कुछ ही सालों में यूरोप के साथ ही पूरी दुनिया के देशों में चर्चा में आ गया था. ये दुनिया के सबसे उम्दा लड़ाकू टैंकों में शामिल है. 55 टन वजन वाले इस टैंक में चार जवान बैठ सकते हैं. लेपर्ड-2 की रेंज 500 किमी के करीब है और यह 68 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढता है. लेपर्ड-2 में 120 मिमी स्मूद बोर गन लगी होती है और इस टैंक में डिजिटल फायर कंट्रोल सिस्टम भी होता है. इस टैंक की सबसे खास बात यह है कि इस्तेमाल के दौरान दुश्मन की ओर से हमला होने के बावजूद भी अंदर बैठे जवान सुरक्षित रहते हैं.

रूस का दावा ये टैंक खत्म कर दिए जाएंगे

पश्चिमी देशों के इस ऐलान से रूस तिलमिलाया हुआ है. रूस का कहना है कि यह सिवाय एक विफल प्रयास के और कुछ नहीं है. ये टैंक सिर्फ महंगे हैं और ये भी युद्ध के मैदान में नष्ट हो जाएंगे. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि ये हथियार इस युद्ध में निर्णायक साबित हो सकते हैं और रूसी सेना पर इसका गंभीर असर पड़ सकता है. आपको बता दें कि यूक्रेन लेपर्ड 2 टैंकों की डिलीवरी को लेकर बर्लिन के फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहा है.

यूक्रेन को टैंक देने में हिचक रहा है जर्मनी?

इस बीच जर्मनी यूरोप के बाकी देशों की तरह यूक्रेन को हथियारों की मदद देने के पीछे कुछ आनाकानी कर रहा है इसके पीछे उसकी पुरानी विदेश नीति है. वहीं दूसरी तरफ ‘नाटो’ से जर्मनी पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि वो यूक्रेन को लेपर्ड 2 बैटल टैंक की सप्लाई करे.


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