राम जन्म की खुशी में मनाते हैं रामनवमी

चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन पढऩे नवमी को ही रामनवमी के रूप में मनाया जाता है, यह त्यौहार वैष्णव समुदाय में विशेषतौर पर मनाया जाता है, आज रविवार 25 मार्च को रामनवमी मनाई जा रही है। राम जन्म की खुशी में लोग रामनवमी पर्व मनाते है। इस दिन कई लोग उपवास भी रखते हैं, भक्तगण रामायण का पाठ करते हैं। भक्त रामरक्षा स्त्रोत भी पढ़ते हैं और कई जगह भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया जाता है। लोग अपने घरों और मंदिरो में भगवान राम की मूर्ति को फूल-माला से सजाते हैं और स्थापित करते हैं। इस दिन लोग भगवान राम की मूर्ति को पालने में झुलाते हैं
पूजा सामग्री
पूजाघर में रामजी की तस्वीर या मूर्ति रखें, रामजी के लिए वस्त्र या दुपट्टा, राम नाम की किताब, चंदन, एक नारियल, रोली, मोली, चावल, सुपारी, कलश में साधारण पानी या गंगा जल, ताजी और धुली हुई आम की पत्तियां, तुलसी पत्ते, कमल के फूल, ताजा हरी घास, पान के पत्ते, लौंग, इलायची, कुमकुम (सिंदूर), गुलाल अगरबत्ती, दीप-धूप और माचिस, पेड़ा या लड्डू, एक आसन।
श्रीराम की पूजा- अर्चना विधि
रामनवमी के दिन महिला को प्रात: काल सुबह उठना चाहिए, घर की साफ-सफाई से घर को शुद्ध करना चाहिए। सबसे पहले स्नान इत्यादि करके पवित्र होकर पूजास्थल पर पूजन सामग्री के साथ बैठें। इसके बाद राम नवमी की पूजा करने के लिए श्रीराम के लिए अखंड ज्योत जलाएं, धूप-दीप को देवताओं के बाएं तरफ और अगरबत्ती को दाएं तरफ रखें। पूजा में तुलसी पत्ता और कमल का फूल अवश्य होना चाहिए। साथ ही कलश और नारियल भी पूजाघर में रखें। खीर और फल-फूल को प्रसाद के रूप में तैयार करें। सभी लोगों के माथे पर तिलक लगाए, आसन बिछाकर कमर सीधी कर भगवान के आगे बैठें। घंटी और शंखनाद करें। राम पूजन शुरू करने से पहले भगवान श्रीराम की आरती करें इसके बाद पुष्पांजलि अर्पित करके क्षमा प्रार्थना करे। उसके बाद श्रीराम नवमी की पूजा षोडशोपचार करें। रामनवमी की व्रत कथा सुनें और घर के प्रांगण में तुलसी मंडप के समक्ष ध्वजा, पताका, तोरण आदि स्थापित करें।


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