अब अमेरिका में लगा TikTok को झटका, सीनेट कमेटी ने इस बिल पर लगाई मुहर

वॉशिंगटन: भारत (India) द्वारा 59 चीनी ऐप्स पर लगाये गए प्रतिबंध के बाद अमेरिका (America) भी इस दिशा में आगे बढ़ रहा है. अमेरिकी सीनेट कमेटी ने सर्वसम्मति से उस विधेयक को मंजूरी दे दी है, जो संघीय कर्मचारियों के सरकार द्वारा जारी डिवाइस पर चीनी वीडियो-शेयरिंग ऐप TikTok का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाता है. सीधे शब्दों में कहें तो अब अमेरिकी कर्मचारी TikTok इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.

रिपब्लिकन सीनेटर जोश हॉवले (Josh Hawley) द्वारा पेश किए गए इस बिल को बुधवार को सर्वसम्मति से मंजूरी मिल गई. इससे पहले एक शीर्ष डेमोक्रेट ने रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने चीन के जासूसी और सेंसरशिप अभियान का मुकाबला करने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए हैं.

58 पन्नों की इस रिपोर्ट चीन के बढ़ते खतरे को रेखांकित किया गया है. रिपोर्ट कहती है कि चीन तेजी से इंटरनेट पर अपना कज्बा जमा रहा है. वह अमेरिका सहित पूरी दुनिया को निशाना बना रहा है, लिहाजा उसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे. रिपोर्ट में अमेरिकी प्रयासों को नाकाफी बताते हुए कहा गया है कि अमेरिका साइबर डोमेन का भविष्य चीन के हाथों गंवाने की तैयारी में है.रिपोर्ट में चीन के बायोमेट्रिक और फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक, डेटा एनालिटिक्स, इंटरनेट सेंसरशिप और डिजिटल संचार की निगरानी के उपयोग पर प्रकाश डाला गया है.

सांसदों ने लिखा था राष्ट्रपति को पत्र
अमेरिका में TikTok सहित सभी चीनी ऐप्स को बैन करने के मांग जोर पकड़ती जा रही है. 24 प्रभावशाली रिपब्लिकन सांसदों ने हाल ही में इस संबंध में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने कहा था कि जिस तरह भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगाने का असाधारण कदम उठाया है, वैसी ही कार्रवाई अमेरिका को भी करनी चाहिए.

सांसदों के समूह की अगुवाई करने वाले केन बक (Ken Buck) ने पत्र में लिखा था कि जून में भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए TikTok सहित 59 चायनीज ऐप्स को बैन किया था. हालांकि, ऐसा नहीं है कि अवैध रूप से उपयोगकर्ता डेटा को हासिल करने का चीनी खेल केवल भारत तक ही सीमित है. वास्तव में चीनी अधिकारी अमेरिका की एडवांस डेटा माइनिंग नीतियों के माध्यम से अमेरिकी उपभोक्ता और सरकारी डेटा तक आसान पहुंच का आनंद उठा रहे हैं’.

सांसदों ने अपने पत्र में यह दर्शाने के लिए कई उदाहरण भी दिए कि चीनी ऐप्स अमेरिकियों की जासूसी कर रहे हैं. उन्होंने ऐप की गोपनीयता का हवाला देते हुए कहा था ‘गोपनीयता नीति के मुताबिक, जब आप ऐप का इस्तेमाल करते हैं तो वह अपने आप आपसे कुछ जानकारी एकत्र कर लेते हैं. जिसमें इंटरनेट या अन्य नेटवर्क गतिविधि की जानकारी शामिल है, जैसे कि आपका आईपी पता, जियोलोकेशन-संबंधित डेटा, यूनिक डिवाइस पहचानकर्ता, ब्राउजर और खोज इतिहास और कुकीज. इसके अलावा, कंपनी की गोपनीयता नीति यह भी कहती है कि जब कोई थर्ड पार्टी सोशल मीडिया नेटवर्क से TikTok के साथ कोई जानकारी साझा करता है, तो वो इसे भी एकत्र करती है’.


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