आखिर कौन है भारत की ‘ब्रेव डॉटर’ जिसने 360 यात्रियों की आंतकियों से बचाई जान?

Neerja Bhanot: साल 2016 में सोनम कपूर (Sonam Kapoor) की फिल्म ‘नीरजा’ (Neerja) ने लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए थे. ये फिल्म ऐसी लड़की की कहानी थी जिसमें एक लड़की ने अपनी जान देकर आतंकियों से 360 लोगों की जान बचाई थी.भारत की इस बहादुर बेटी नीरजा भनोट को दिलेरी के लिए भारत सरकार की ओर से देश के सर्वोच्च सम्मान अशोक चक्र से सम्मानित किया गया. भारत की इस ब्रेव बेटी नीरजा भनोट की 5 सितंबर को डेथ एनिवर्सरी है. जानिए इनके बारे में.

चंडीगढ़ की रहने वाली थीं नीरजा

नीरजा भनोट (Neerja Bhanot) का जन्म 7 सितंबर 1963 को चंडीगढ़ में हुआ था. नीरजा के पिता हरीश भनोट पत्रकार और मां रमा भनोट हाउसवाइफ थीं. नीरजा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई चंडीगढ़ के सैकरेड हार्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की. लेकिन बाद में उनका परिवार मुंबई शिफ्ट हो गया और नीरजा ने आगे की पढ़ाई मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की.

दहेज के लिए पति ने दी यातनाएं
नीरजा भनोट की शादी साल 1985 में बिजनेसमैन के साथ अरेंज मैरिज हुई थी. शादी के बाद नीरजा और उनके पति के बीच सब कुछ ठीक नहीं था. नीरजा का पति दहेज के लिए उन्हें काफी परेशान करता था. लिहाजा नीरजा शादी के दो महीने बाद ही पति का साथ छोड़कर अपने घर आ गईं और वापस नहीं गईं. इसके बाद नीरजा ने अपने मॉडलिंग प्रोजेक्ट पूरे किए. बहुत ही कम लोग इस बात को जानते होंगे कि नीरजा उस वक्त टॉप मॉडल थी और करीबन 22 विज्ञापनों में काम किया. फिल्मों में भी नीरजा की काफी दिलचस्पी थी. इतना ही नहीं वो राजेश खन्ना की बहुत बड़ी फैन थी और उनके डायलॉग अक्सर बोला करती थीं.

ज्वाइन की एयरलाइंस
नीरजा की दिलचस्पी बचपन से ही प्लेन में बैठने और आकाश में उड़ने की थी. अपने मॉडलिंग के शौक को पूरा करने के बाद नीरजा ने एयरलाइंस ज्वाइन कर ली. इसके बाद नीरजा ने पैन एएम के लिए अप्लाई किया. नीरजा का सिलेक्शन हो गया और उन्हें ट्रेनिंग के लिए फ्लोरिडा और मियामी भेजा गया. 

बर्थडे से दो दिन पहले हुआ आतंकियों से सामना
अपने बर्थडे से महज 2 दिन पहले नीरजा पैन एएम की फ्लाइट 73 की सीनियर पर्सर थीं. ये फ्लाइट उस वक्त मुंबई से अमेरिका जा रही थी. तभी पाकिस्तान के कराची एयरपोर्ट पर इसे 4 आतंकवादियों ने हाई जैक कर लिया. इस फ्लाइट में 19 क्रू मेंबर्स और 360 यात्री थे. तभी नीरजा की इंफोर्मेंशन के बाद फ्लाइट के तीन सदस्य पायलट, को-पायलट और फ्लाइट इंजीनियर कॉकपिट फ्लाइट छोड़कर भाग गए. 

आतंकी इस फ्लाइट को साइप्रस ले जाना चाहते थे. ताकि वो फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करवा सकें. आतंकियों ने पाक सरकार से पायलट की मांग की. जब पायलट की मांग को पाक सरकार ने रिजेक्ट किया तो उन्होंने विमान में बैठे अमेरिकी यात्रियों को मारने का फैसला किया. 

अकेली भारतीय लड़की थी नीरजा
नीरजा ने फ्लाइट में मौजूद यात्रियों को एमजेंसी विंडो के बारे में बताया. इसके साथ ही उन्हें ये भी पता था कि फ्लाइट का ईंधन खत्म होने के बाद अंधेरा हो जाएगा और भगदड़ मच जाएगी. लेकिन साहसी नीरजा ने ईंधन के खत्म होते ही फ्लाइट की एमरजेंसी विंडो किसी तरह से खोल दी और यात्री उससे नीचे कूदने लगे. नीरजा ने आंतकियों को जैसे तैसे उलझाए रखा और सफल रही. 

शहीद हो गईं नीरजा
नीरजा भी फ्लाइट से नीचे कूदने वाली थीं. लेकिन उन्हें एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी. वो बच्चे को लेकर जैसे ही फ्लाइट के दरवाजे के पास आईं तो आंतकी सामने आ गया. नीरजा ने बच्चे की जान तो बचा ली लेकिन खुद शहीद हो गईं.


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