11 विपक्षी पार्टियों के चक्रव्यूह में फंसे इमरान, तख्ता पलट की उल्टी गिनती शुरू

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए विपक्ष एकजुट हो गया है. शुक्रवार को 11 विपक्षी पार्टियों ने महारैली के जरिये इमरान को स्पष्ट संदेश दे दिया कि अब उन्हें जाना होगा. विपक्षी दलों के पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) के बैनर तले गुजरांवाला के जिन्ना स्टेडियम में भारी संख्या में लोग इमरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आये.

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) ने लंदन से इस महारैली को संबोधित किया. उन्होंने इमरान खान पर हमला बोलते हुए कहा कि इमरान के कार्यकाल में पाकिस्तान आर्थिक बदहाली की स्थिति में पहुंच गया है. 1.5 करोड़ लोग बेरोजगार हुए हैं. अब वक्त आ गया है कि ऐसी सरकार को उखाड़ फेंका जाए.

खतरे की घंटी
विपक्ष की इस महारैली के लिए गुजरांवाला में जुटी भीड़ देखकर इमरान खान को निश्चित तौर पर पसीना आ गया होगा. इमरान के साथ ही यह सेना प्रमुख जनरल बाजवा के लिए भी खतरे की घंटी है, क्योंकि विपक्षी पार्टियां पाकिस्तान की बर्बादी के लिए सेना को ही दोषी मानती हैं. जानकारों का मानना है कि महारैली से इमरान के तख्ता पलट की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और संभवतः जनवरी तक कोई बड़ा बदलाव हो सकता है.

पाकिस्तान के हाल बुरे
इमरान खान के खिलाफ महागठंबधन का नेतृत्व मौलाना फजलुर्रहमान कर रहे हैं. पिछले साल भी फजलुर्रहमान ने इमरान के खिलाफ मोर्चा निकाला था. इमरान को सत्ता में आए दो साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन वे कुछ खास करने में नाकाम रहे हैं. उनके कार्यकाल में पाकिस्तान कंगाल हो गया है. दूसरे देशों से कर्ज मांग कर पाकिस्तान अपना खर्च चला रहा है. महंगाई भी आसमान पर जा पहुंची है. इतना ही नहीं, आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बार-बार बदनामी भी हुई है.

मोदी सरकार ने बढ़ाई परेशानी
भारत की कश्मीर नीति ने भी इमरान खान की परेशानियों में इजाफा किया है. पाकिस्तान की सरकारें कश्मीर में दहशत फैलाकर समर्थन हासिल करती हैं, लेकिन मोदी सरकार के राज में यह संभव नहीं हो सका है. कश्मीर में पाकिस्तान की सेना की एक भी साजिश अब काम नहीं आ रही है. इसके अलावा, कश्मीर को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तानी की साजिश का भी उसे मुंहतोड़ जवाब मिला है. इसलिए पाकिस्तान में इमरान खान को नापसंद करने वालों की तादाद में इजाफा हुआ है. कहा तो यहां तक जाने लगा है कि सेना भी इमरान खान का साथ देने के लिए तैयार नहीं है.


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