Mi-17s Helicopter: भारत सरकार लगातार सेना की ताकत बढ़ाने का काम कर रही है. इसके साथ ही आत्मनिर्भर भारत पर काम करते हुए स्वदेशी हथियारों पर काम किया जा रहा है. अब भारतीय सेना में शामिल रूसी Mi-17s हेलीकॉप्टर को रिप्लेस करने की तैयारी चल रही है और इस ऐतिहासिक काम के पीछे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और DRDO शामिल हैं.
इन इलाकों में होता है Mi-17s का इस्तेमाल
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रूसी Mi-17s हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल अरुणाचल प्रदेश, सियाचीन, पूर्वी लद्दाख और सिक्किम के ऊंचाई वाले इलाकों में पहुंचने के लिए किया जाता है. इसके अलावा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत अन्य कई वीवीआईपी के लिए भी इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाता है.
8-10 साल में तैयार होगा स्वदेशी हेलीकॉप्टर
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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के अधिकारी ने बताया है कि रूसी Mi-17s हेलीकॉप्टर को रिप्लेस करने के लिए 8-10 साल में स्वदेशी मध्यम-लिफ्ट हेलीकॉप्टर (Medium-Lift Choppers) तैयार होने की संभावना है. इसके बाद धीरे-धीरे रूसी हेलीकॉप्टर को रिप्लेस किया जाएगा.
HAL ने तैयार कर लिया है प्लान
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हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के एरोडायनामिक्स के मुख्य प्रबंधक (डिजाइन) अब्दुल रशीद ताजर ने बताया कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने पूरा प्लान तैयार कर लिया है. उन्होंने बताया कि भविष्य के 13 टन के भारतीय मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर (IMRH) की शुरुआती डिजाइन तैयार हो चुका है और इसके विस्तृत डिजाइन पर काम जल्द ही शुरू किया जाएगा.
कितना पावरफुल है Mi-17s हेलीकॉप्टर?
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भारतीय वायु सेना (IAF) के पास वर्तमान में लगभग 250 रूसी Mi-17s हेलीकॉप्टर हैं, जिसका इस्तेमाल हैवी लिफ्ट, ट्रांसपोर्टेशन, VVIP मूवमेंट और रेस्क्यू मिशन में किया जाता है. यह मिलिट्री के लिए 3 क्रू मेंबर्स के साथ 36 सैनिकों को ये ले जा सकता है और इसकी क्षमता 36 हजार किलो तक का भार उठाने की है. Mi-17V-5 Shturm-V मिसाइल, S-8 रॉकेट, एक 23mm मशीन गन, PKT मशीन गन और AKM सब-मशीन गन से लैस है.
स्वदेशी हेलीकॉप्टर कितना ताकतवर होगा?
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शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, स्वदेशी हेलीकॉप्टर बनने के बाद 30 से अधिक सैनिकों और हथियारों को ले जाने में सक्षम होगा, जिसका इंजन फ्रांस के सफरान हेलीकॉप्टर इंजन और एचएएल संयुक्त रूप से मिलकर बनाएंगे. एक हेलीकॉप्टर की कीमत करीब 300 करोड़ रुपये हो सकती है. स्वदेशी हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल हवाई हमले, एयर ट्रांसपोर्ट, कॉम्बेट लॉजिस्टिक, युद्ध खोज और बचाव के अलावा हताहत निकासी कार्यों में किया जा सकेगा. यह 4500 किलोग्राम तक का पेलोड ले जाने में सक्षम होगा.
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